सचिन — संघर्ष से सफलता तक
राजस्थान के एक छोटे से गाँव में सचिन नाम का एक युवक रहता था। सचिन के माता-पिता बहुत पहले ही इस दुनिया को छोड़ चुके थे, इसलिए वह अकेले अपने छोटे से घर में रहता था। उसके पास कुछ पुश्तैनी जमीन थी, जिस पर वह खेती करता और साथ ही कॉलेज में पढ़ाई भी करता था। सचिन की जिंदगी में बहुत कम सुख-सुविधाएं थीं, लेकिन उसके मन में बड़े सपने थे।

सचिन का एक पड़ोसी दोस्त था जो हमेशा उसकी मदद करता। जब सचिन बीमार होता या खाना नहीं बना पाता, तो वह दोस्त अपने घर से खाना लेकर आता और उसकी देखभाल करता। सचिन कॉलेज जाता, जहाँ उसकी क्लास में प्रीति नाम की लड़की पढ़ती थी। प्रीति ने सचिन को पहली नजर में पसंद कर लिया था, और धीरे-धीरे उसने अपने प्यार का इजहार करने की ठानी।
दो महीने तक प्रीति सचिन को घूरती रही, जिससे सचिन को भी पता चल गया कि प्रीति के दिल में उसके लिए कुछ है। सचिन पहले अपने हालात की वजह से चुप रहता, लेकिन एक दिन कैंटीन में प्रीति ने सचिन से अपने प्यार का इजहार कर दिया। सचिन आश्चर्यचकित था, क्योंकि वह जानता था कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसने प्रीति को बताया कि वह अनाथ है और दोनों का रिश्ता चलना मुश्किल होगा, लेकिन प्रीति ने कहा कि उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह सचिन से शादी करना चाहती है।
प्रीति के पिता थानेदार थे और अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने प्रीति की बात सुनकर सचिन से मिलने का फैसला किया। सचिन और प्रीति के बीच बातचीत हुई, और प्रीति के पिता ने भी उनकी शादी के लिए सहमति दे दी। शादी के बाद प्रीति सचिन के घर आ गई, जहाँ सुविधाओं की कमी थी। प्रीति ने सचिन को बार-बार टोका कि घर में यह चीज़ नहीं है, वह चीज़ नहीं है। सचिन परेशान था, लेकिन वह अपनी सीमाओं को समझता था।
समय बीतता गया, और एक साल बाद प्रीति को सचिन के घर की हालत से मन भरने लगा। उसने अपने पिता से शिकायत की, तो पिता ने कहा कि वह कुछ पैसे देगा ताकि घर को बेहतर बनाया जा सके, लेकिन सचिन ने कहा कि वह खुद मेहनत करके कमाएगा। प्रीति ने अपने पिता को समझाया कि सचिन बड़ा स्वाभिमानी है।
फिर एक दिन प्रीति का कॉलेज का एक पुराना प्रेमी प्रवीण उसके घर आया। प्रवीण ने सचिन का मजाक उड़ाया, और प्रीति ने सचिन से लड़ाई शुरू कर दी। धीरे-धीरे उनकी लड़ाई बढ़ गई, और अंततः प्रीति मायके चली गई और सचिन के खिलाफ तलाक का केस दर्ज करा दिया।
सचिन को यह सब बहुत दर्द देता था, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने यूपीएसएससी की तैयारी शुरू की और तीन साल की मेहनत के बाद कलेक्टर बन गया। उसने अपनी जिंदगी में नई शुरुआत की और दूसरी शादी की।
एक दिन सचिन अपनी पत्नी के साथ मार्केट से लौट रहा था, तभी उसने रास्ते में एक महिला को चाय-समोसा बेचते देखा। वह महिला उसकी पहली पत्नी प्रीति थी, जो अब बहुत बदहाल हालत में थी। सचिन ने अपनी गाड़ी रोकी और उससे बात की। प्रीति ने अपनी पूरी कहानी सचिन को बताई कि कैसे उसने प्रवीण से शादी की, लेकिन प्रवीण ने उसे धोखा दिया और बदतर स्थिति में छोड़ दिया।
सचिन ने प्रीति को आश्वासन दिया कि अगर उसे कभी मदद की जरूरत हो तो वह बेझिझक उससे संपर्क कर सकती है। सचिन ने अपनी पत्नी को भी प्रीति के बारे में बताया, और दोनों ने मिलकर एक नई जिंदगी की शुरुआत की।
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में संघर्ष के बाद ही सफलता मिलती है। सच्चे इरादे और मेहनत से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। साथ ही, जीवन में माफी और समझदारी से रिश्ते मजबूत होते हैं।