Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Wednesday, October 15
    • Lifestyle
    Facebook X (Twitter) LinkedIn VKontakte
    Life Collective
    • Home
    • Lifestyle
    • Leisure

      My husband insulted me in front of his mother and sister — and they clapped. I walked away quietly. Five minutes later, one phone call changed everything, and the living room fell silent.

      27/08/2025

      My son uninvited me from the $21,000 Hawaiian vacation I paid for. He texted, “My wife prefers family only. You’ve already done your part by paying.” So I froze every account. They arrived with nothing. But the most sh0cking part wasn’t their panic. It was what I did with the $21,000 refund instead. When he saw my social media post from the same resort, he completely lost it…

      27/08/2025

      They laughed and whispered when I walked into my ex-husband’s funeral. His new wife sneered. My own daughters ignored me. But when the lawyer read the will and said, “To Leona Markham, my only true partner…” the entire church went de:ad silent.

      26/08/2025

      At my sister’s wedding, I noticed a small note under my napkin. It said: “if your husband steps out alone, don’t follow—just watch.” I thought it was a prank, but when I peeked outside, I nearly collapsed.

      25/08/2025

      At my granddaughter’s wedding, my name card described me as “the person covering the costs.” Everyone laughed—until I stood up and revealed a secret line from my late husband’s will. She didn’t know a thing about it.

      25/08/2025
    • Privacy Policy
    Life Collective
    Home » बेटे के गम में रो रहा था करोड़पति, तभी भिखारी लड़की चिल्लाई- ‘अंकल, आपका बेटा जिंदा है!” फिर जो सच सामने आया, उसने सब कुछ बदल दिया
    India Story

    बेटे के गम में रो रहा था करोड़पति, तभी भिखारी लड़की चिल्लाई- ‘अंकल, आपका बेटा जिंदा है!” फिर जो सच सामने आया, उसने सब कुछ बदल दिया

    rinnaBy rinna15/10/202514 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    ताबूत का राज़

    हताश करोड़पति अर्जुन अपने बेटे के ग़म में रो रहा था, तभी एक गंदी, सूनी सी दिखने वाली भिखारी लड़की हँसती हुई आई और चिल्लाई, “चाचा जी, आपका बेटा ज़िंदा है!” सभी लोग सदमे में रह गए और जो सच उसने बताया, उसने सब कुछ हमेशा के लिए बदल दिया।

    अर्जुन अपने बेटे वेदांत के ताबूत के सामने खड़ा था। वह व्यक्ति, जो व्यापार की दुनिया में अपने तीखे दिमाग़ और निर्भीक निर्णयों के लिए मशहूर था, आज पूरी तरह टूट चुका था। उसकी आँखें ताबूत पर टिकी थीं, लेकिन उसकी दृष्टि धुँधली थी, मानो वह देख तो रहा था पर समझ नहीं पा रहा था। उसकी कलाई पर चमकती हुई घड़ी, जो उसके पिता की आख़िरी निशानी थी, आज किसी काम की नहीं लग रही थी। दौलत, शोहरत, ऊँचा रुतबा, बड़ी-बड़ी गाड़ियाँ, सब कुछ जैसे अर्थहीन हो गया था।

    आसपास खड़े रिश्तेदार फुसफुसा रहे थे, लेकिन उनके शब्द उसके कानों तक पहुँचकर खो जा रहे थे। “अर्जुन ने कितनी गाड़ियाँ मँगवाई हैं, देखो! पूरी सड़क पर सिर्फ़ उसी के मेहमानों की गाड़ियाँ खड़ी हैं।” “वह चाहे जितना अमीर बन जाए, लेकिन बेटे का दुख तो वही रहेगा जो किसी ग़रीब का होता है।” “क्या तुम्हें लगता है कि यह वेदांत की मौत के बाद भी वैसा ही रहेगा, या अब यह आदमी पहले से भी ज़्यादा बेरहम बन जाएगा?”

    अर्जुन को इन बातों से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था। उसका मन पूरी तरह सुन्न हो चुका था। उसने एक बार सोचा कि ताबूत खोलकर आख़िरी बार अपने बेटे का चेहरा देख ले, लेकिन फिर ख़ुद को रोक लिया। वेदांत की वह शांत, मृत देह उसकी यादों में उसके खिलखिलाते चेहरे को धुँधला कर देगी।

    तभी हॉल के दरवाज़े पर अचानक हलचल मची। एक लड़की अंदर दाख़िल हुई। गहरे साँवले रंग की, साधारण कपड़ों में, लेकिन उसके चेहरे पर अजीब सा आत्मविश्वास था। उसने बिना किसी हिचकिचाहट के आगे क़दम बढ़ाए। भीड़ में से किसी ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने एक झटके में अपना हाथ छुड़ाया और आगे बढ़ती चली गई। अर्जुन ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन तभी लड़की की आवाज़ पूरे हॉल में गूँज उठी।

    “यह बच्चा मरा नहीं है!”

    शोरगुल थम गया। कुछ क्षणों के लिए पूरा हॉल स्तब्ध रह गया। किसी को समझ नहीं आया कि यह लड़की कौन थी और उसने इतनी बड़ी बात कैसे कह दी। अर्जुन का दिल एक पल के लिए जैसे धड़कना भूल गया। उसकी नज़र धीरे-धीरे उस लड़की पर पड़ी। उसके माथे पर शिकन उभर आई।

    “क्या कहा तुमने?” उसकी आवाज़ में एक ठंडा कंपन था।

    लड़की ने बिना किसी डर के उसकी आँखों में आँखें डालकर देखा और दोबारा अपनी बात दोहराई। “यह शव आपके बेटे का नहीं है। किसी ने शवों की अदला-बदली कर दी है। वेदांत ज़िंदा हो सकता है।”

    अब भीड़ में खलबली मच गई। कुछ रिश्तेदार गुस्से में बड़बड़ाने लगे। “कौन है यह लड़की? ज़रूर पैसे ठगने आई होगी!” “अमीर लोगों के यहाँ ऐसी घटनाएँ आम हैं। यह कोई चालबाज़ी है।”

    लेकिन अर्जुन अब इन बातों को नहीं सुन रहा था। उसका ध्यान सिर्फ़ उस लड़की पर था। उसकी बातें भले ही अजीब लग रही थीं, लेकिन एक चीज़ थी जिसने अर्जुन को भीतर तक हिला दिया।

    “तुम्हें कैसे पता?” अर्जुन ने धीमे लेकिन कठोर स्वर में पूछा।

    लड़की ने एक गहरी साँस ली। “मैंने कुछ लोगों को बात करते हुए सुना। उन्होंने कहा कि वेदांत के शव की जगह किसी और का रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि असली वेदांत की बाज़ू पर एक सितारे के आकार का निशान है।”

    यह सुनते ही अर्जुन के हाथों की उँगलियाँ ठंडी पड़ गईं। सितारे का निशान। वेदांत की बाज़ू पर जन्म से ही हल्का लेकिन स्पष्ट सितारे के आकार का निशान था। यह कोई ऐसी बात नहीं थी जो आम लोगों को पता हो। यहाँ तक कि ज़्यादातर रिश्तेदारों ने भी कभी इस पर ध्यान नहीं दिया था। फिर यह लड़की यह सब कैसे जानती थी?

    अर्जुन का दिमाग़ अचानक तेज़ी से काम करने लगा। अगर यह लड़की सच कह रही थी, तो क्या मतलब था कि उसका बेटा अभी भी जीवित था? क्या यह किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा था? और अगर वह झूठ बोल रही थी, तो यह सिर्फ़ एक अमीर आदमी से पैसे ठगने की कोई चाल थी?

    भीड़ अब लड़की पर चिल्लाने लगी थी। “बकवास बंद करो! शोक सभा का मज़ाक बना दिया इसने!” “इसे बाहर निकालो!”

    लेकिन अर्जुन ने कोई ध्यान नहीं दिया। उसने लड़की की आँखों में देखा। वहाँ झूठ का कोई संकेत नहीं था। वह आगे बढ़ा और लड़की के क़रीब आकर धीमे स्वर में बोला, “अगर तुम झूठ बोल रही हो, तो इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।”

    लड़की ने एक पल के लिए साँस रोकी, लेकिन फिर हिम्मत जुटाकर बोली, “अगर मैं सच कह रही हूँ, तो क्या आप अपने बेटे को ढूँढ़ने के लिए तैयार हैं?”

    अर्जुन की आँखों में एक अलग ही चमक आ गई। यह सवाल अब उसके दिल में गूँजने लगा था। वह एक पल भी और इंतज़ार नहीं कर सकता था। उसने लड़की का हाथ पकड़ लिया और दरवाज़े की ओर चल पड़ा। रिश्तेदार और मेहमान उनकी पीठ पीछे चिल्लाते रह गए।

    ताबूत अब भी वहीं पड़ा था। लेकिन अब सवाल यह था, क्या सच में वेदांत उस ताबूत में था? अगर नहीं, तो फिर वह कहाँ था?


    अर्जुन की गाड़ी अंधेरी गली के सामने आकर रुकी। इंजन बंद होते ही चारों ओर एक अजीब सी ख़ामोशी छा गई। प्रियंका – उस लड़की का नाम – उसके बग़ल में बैठी थी, उसकी साँसें अनियमित थीं। अर्जुन ने बिना कुछ कहे दरवाज़ा खोला और बाहर निकला। प्रियंका ने उसकी ओर देखा और धीरे से कहा, “यही वह जगह है जहाँ मैंने उन आदमियों को बात करते सुना था।”

    गली सुनसान थी। इधर-उधर बिखरी लकड़ियाँ, टूटी-फूटी दीवारें और गत्तों के पुराने डिब्बे, सब कुछ बेजान लग रहा था। लेकिन अर्जुन की आँखें किसी और चीज़ को तलाश रही थीं। वह धीरे-धीरे आगे बढ़ा, हर कोने को ध्यान से देखता हुआ। अचानक, कुछ दूर पर एक लाल रंग की चमकीली चीज़ पड़ी थी। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। वह झुका और उस चीज़ को उठाया।

    यह एक छोटी सी खिलौना कार थी। घिसी हुई, लेकिन अब भी पहचानने लायक। उसकी उँगलियाँ काँप गईं। यह सिर्फ़ एक साधारण कार नहीं थी। यह वही कार थी जिसे वेदांत हर जगह अपने साथ ले जाता था।

    “यह… यह वेदांत की कार है,” अर्जुन की आवाज़ में हल्का कंपन था। वह खिलौने को घूर रहा था, मानो वह कोई सुराग हो जो अँधेरे में रोशनी की तरह चमक रहा हो।

    प्रियंका ने उसकी तरफ़ देखा, उसकी आँखों में हैरानी थी। “आपको यक़ीन है?”

    “हाँ, पूरी तरह से,” अर्जुन ने गहरी साँस ली। “वेदांत के पास ठीक ऐसी ही कार थी। वह इसे हमेशा अपने पास रखता था। अगर यह यहाँ पड़ी है, तो इसका मतलब है कि वह भी यहाँ आया था, या लाया गया था।”

    प्रियंका ने चारों ओर देखा, जैसे कुछ और सुराग़ खोज रही हो। लेकिन वहाँ कुछ और ऐसा नहीं दिखा। अर्जुन का दिल बुरी तरह धड़क रहा था। अगर वेदांत यहाँ था, तो फिर अब वह कहाँ था? क्या उसे कोई ज़बरदस्ती यहाँ से ले गया? क्या वह अभी ज़िंदा था?

    उसका सिर घूमने लगा। वह अपने बेटे के इतने क़रीब आकर भी उसे ढूँढ़ नहीं पा रहा था। गहरी बेचैनी के साथ, उसने अपना फ़ोन निकाला और एक नंबर डायल किया।

    “इमरान, मुझे तुम्हारी ज़रूरत है।”

    फ़ोन की दूसरी ओर कुछ सेकंड की ख़ामोशी छाई रही, फिर एक भारी आवाज़ आई। “अर्जुन। बहुत दिनों बाद याद किया। मामला गंभीर है।”

    “मेरा बेटा ग़ायब है। और यह सिर्फ़ अपहरण नहीं लगता। कुछ बड़ा चल रहा है। मुझे हर उस शख़्स की जानकारी चाहिए जो इस मामले से जुड़ा हो।”

    इमरान की आवाज़ ठंडी थी, लेकिन उसमें वही भरोसा था जिसकी अर्जुन को ज़रूरत थी। “मैं देखूँगा। पर तुम्हें पता है, इस तरह के मामलों में सच्चाई जितनी गहरी होती है, उतनी ही रहस्यमय भी। जो चीज़ें दिखती हैं, उनसे कहीं ज़्यादा ख़तरनाक वह होती हैं जो छिपाई जाती हैं। तैयार रहो, क्योंकि तुमने जो खोज शुरू की है, वह तुम्हें बहुत दूर तक ले जा सकती है।”

    अर्जुन ने फ़ोन काट दिया। उसके मन में अब एक अजीब सा डर समा गया था।


    तीन दिन तक कोई सुराग़ नहीं मिला। लेकिन फिर इमरान का फ़ोन आया। “मुझे कुछ मिला है,” इमरान की आवाज़ में अब भी वही गंभीरता थी। “किसी ने वेदांत के केस से जुड़ी कई जानकारियाँ मिटाने की कोशिश की है। फ़ाइलों से नाम और डेटा हटा दिए गए हैं, जैसे कि वे कभी अस्तित्व में ही नहीं थे। लेकिन एक नाम बार-बार दिख रहा है।” “कौन?” “विक्रम।”

    अर्जुन की साँसें तेज़ हो गईं। “विक्रम? मेरा भाई?”

    “हाँ। मुझे पूरा यक़ीन है, तुम्हारा छोटा भाई विक्रम इस सब में शामिल हो सकता है।”

    अर्जुन की उँगलियाँ गुस्से से मुट्ठी में बदल गईं। फ़ोन बंद करते ही वह तेज़ी से बाहर निकला, कार में बैठा और बिना सोचे-समझे सीधे विक्रम के घर की ओर गाड़ी बढ़ा दी। विक्रम, एक नाम जिससे वह बचपन से जुड़ा था, लेकिन सालों से एक अघोषित दुश्मनी की दीवार उनके बीच खड़ी हो चुकी थी। जब उनके पिता की संपत्ति का बँटवारा हुआ था, तब विक्रम को बहुत कम मिला था, और अर्जुन ने कंपनी की कमान पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली थी। विक्रम ने हमेशा यही महसूस किया कि उसके साथ अन्याय हुआ था।

    लेकिन क्या वह इतना नीचे गिर सकता था कि उसने अपने ही भतीजे को नुक़सान पहुँचाने की योजना बनाई?

    अर्जुन ने अपनी स्पोर्ट्स कार को विक्रम के घर के सामने रोका और तेज़ी से अंदर दाख़िल हुआ। विक्रम अपने कमरे में बैठा था, हाथ में एक महँगी घड़ी थी जिसे वह बड़े ध्यान से देख रहा था।

    “वेदांत कहाँ है?” अर्जुन ने सीधे पूछा।

    विक्रम ने धीरे से सिर उठाया, उसकी आँखों में कोई घबराहट नहीं थी। उसने एक मुस्कुराहट के साथ कहा, “मुझे कैसे पता होगा?”

    “मुझे बेवकूफ़ मत बना, विक्रम!” अर्जुन का धैर्य जवाब देने लगा। “मैंने तुम्हारी वित्तीय गतिविधियों को देखा है। वेदांत के लापता होने के तुरंत बाद, तुमने बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन किया। तुम क्या छुपा रहे हो?”

    विक्रम ने घड़ी को घुमाया और एक गहरी साँस लेते हुए कहा, “अर्जुन, कुछ बातें जितना कम जानो, उतना ही अच्छा होता है। कभी-कभी ज़्यादा खोदने से सिर्फ़ नुक़सान होता है। मैं बस इतना कहूँगा, अगर तुम इस मामले में ज़्यादा गहराई तक गए, तो तुम्हारी ज़िंदगी वही नहीं रहेगी जो अब तक रही है।”

    “अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ, तो मैं तुम्हें मिटा दूँगा!” अर्जुन ने दाँत पीस लिए।

    विक्रम के चेहरे पर हल्की हँसी आई। अर्जुन जानता था कि विक्रम अपनी चालों में माहिर था। वह बिना किसी ठोस सबूत के कुछ भी नहीं मानेगा। लेकिन उसकी आँखों में कुछ ऐसा था जिससे अर्जुन को यक़ीन हो गया कि वह कुछ जानता है।

    वह बिना कहे मुड़ा और बाहर आ गया। प्रियंका इंतज़ार कर रही थी। “क्या उसने कुछ क़बूला?”

    “नहीं,” अर्जुन ने धीरे से कहा। “लेकिन मुझे यक़ीन है कि वह इसमें शामिल है।”

    अब सवाल यह था, विक्रम ने ऐसा क्यों किया? क्या वह सिर्फ़ अपने भाई से बदला लेना चाहता था, या यह पूरी साज़िश किसी और बड़े खेल का हिस्सा थी?


    अर्जुन की कार तेज़ी से सुनसान गलियों को पार कर रही थी। प्रियंका बग़ल में बैठी थी। इमरान से मिली जानकारी के अनुसार, वेदांत को एक साधारण सी दिखने वाली लेकिन संदिग्ध जगह पर छिपाया गया था। अर्जुन के दिमाग़ में बस एक ही बात घूम रही थी: अगर वेदांत वहाँ है, तो वह किस हालत में होगा?

    गली के अंतिम छोर पर एक पुराना, जर्जर मकान था। खिड़कियों पर गंदे पर्दे लटके थे और बाहर का दरवाज़ा आधा खुला था। “इसी जगह का ज़िक्र किया गया था,” प्रियंका ने धीमे स्वर में कहा।

    अर्जुन ने धीरे से अंदर छलाँग लगाई। कमरे में हल्का सा अंधकार था, लेकिन जो दृश्य उसने देखा, उसने उसके भीतर एक अजीब हलचल पैदा कर दी। वेदांत ज़मीन पर बैठा था, सिर झुकाए, उसके छोटे हाथों में एक पुराना कपड़े का टुकड़ा था जिसे वह कस कर पकड़े हुए था। वह बिल्कुल चुप था।

    अर्जुन तुरंत खिड़की से अंदर छलाँग लगाई। “वेदांत!” अर्जुन की आवाज़ में घबराहट थी। उसने धीरे से क़दम बढ़ाए और घुटनों के बल बैठ गया। “बेटा, मैं हूँ, तुम्हारा पापा।”

    वेदांत ने धीरे से सिर उठाया। उसकी आँखों में अनजानापन था, जैसे वह किसी अजनबी को देख रहा हो। कुछ पल तक उसने अर्जुन को देखा, फिर धीमी लेकिन सख़्त आवाज़ में कहा, “मुझे मत छुओ।”

    अर्जुन का दिल धड़कना भूल गया। “बेटा, यह मैं हूँ, तुम्हारा पापा। मैं तुम्हें लेने आया हूँ।”

    वेदांत के चेहरे पर उलझन थी। उसने कपड़े के टुकड़े को और ज़ोर से पकड़ लिया। “मुझे पापा मत कहो। मेरे कोई पापा नहीं हैं।”

    “यह किसने कहा तुमसे?” अर्जुन की साँसें तेज़ हो गईं।

    “मेरे अंकल ने,” वेदांत की आँखों में भ्रम था। “उन्होंने कहा कि मेरा कोई पापा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे छोड़ दिया गया था।”

    अर्जุน को ऐसा महसूस हुआ जैसे किसी ने उसके सीने में चाकू घोंप दिया हो। “नहीं बेटा, यह सच नहीं है। मैं हमेशा तुम्हें ढूँढ़ रहा था। मैंने तुम्हें कभी नहीं छोड़ा।”

    लेकिन वेदांत पीछे हट गया। “मेरा नाम वेदांत नहीं है। मेरा नाम राहुल है,” उसने साफ़ आवाज़ में कहा।

    अर्जुन की आँखों में दर्द की एक लहर दौड़ गई। वह अपने बेटे को अपनी बाँहों में भरना चाहता था, लेकिन वह महसूस कर रहा था कि वेदांत अब उसे पहचानता ही नहीं। यह सिर्फ़ एक साधारण अपहरण नहीं था; यह उसके दिमाग़ को पूरी तरह बदलने की कोशिश थी।

    तभी बाहर से एक तेज़ आवाज़ आई, “कोई है अंदर?” प्रियंका ने तुरंत खिड़की की ओर देखा। बाहर कुछ लोगों की परछाइयाँ दिख रही थीं। “हमें यहाँ से निकलना होगा!”

    अर्जुन, बिना एक सेकंड गँवाए, वेदांत को उठाया और पीछे की ओर भागा। प्रियंका ने जल्दी से एक लकड़ी की कुर्सी उठाई और दौड़ते हुए उन आदमियों पर फेंक दी। एक गोली हवा में चली, लेकिन वे दोनों बचते हुए तेज़ी से बाहर निकल गए।

    बाहर गाड़ी तैयार खड़ी थी। अर्जुन ने वेदांत को सीट पर बिठाया और ख़ुद ड्राइवर सीट पर कूद गया। गाड़ी पूरे वेग से आगे बढ़ी। दर्पण में, अर्जुन ने देखा कि वेदांत चुपचाप बैठा था, उसकी आँखें अब भी अजनबियों की तरह उसे देख रही थीं। उसने दुनिया के सबसे बड़े सौदे किए थे, उसने लाखों का व्यापार सँभाला था, लेकिन अब अपने ही बेटे की यादें लौटाने के लिए कोई रणनीति नहीं थी।

    “अब क्या करें?” प्रियंका ने धीमी आवाज़ में पूछा।

    अर्जुन ने वेदांत की ओर देखा। “हमें विक्रम से सारी सच्चाई उगलवानी होगी।” उसकी आवाज़ में ठंडा क्रोध था।


    कुछ ही मिनटों में वह विक्रम के घर के सामने पहुँचा। अर्जुन ने दरवाज़ा धक्का देकर खोल दिया और अंदर घुस गया। विक्रम लिविंग रूम में बैठा था, आराम से, चेहरे पर एक हल्की मुस्कुराहट थी।

    “मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था, भाई,” उसने शांत लहजे में कहा।

    “तूने मेरे बेटे के साथ क्या किया?” अर्जुन उबल पड़ा, उसकी कॉलर पकड़ ली। “तूने मेरे बेटे के दिमाग़ से मेरी यादें मिटाने की कोशिश क्यों की?”

    विक्रम की मुस्कुराहट गहरी हो गई। “तुझे सच में लगता है कि सिर्फ़ पैसों से दुनिया चलती है?”

    “बकवास मत कर! जवाब दे!”

    “तूने हमेशा मुझे पीछे रखा,” विक्रम ने कहा, आवाज़ में कड़वाहट थी। “जब पापा ने कंपनी तुझे दी, तब भी मैंने सह लिया। जब तूने मेरा हिस्सा ख़रीद कर मुझे और नीचे गिरा दिया, तब भी मैंने कुछ नहीं कहा। लेकिन जब मैंने अपना बिज़नेस ज़माना चाहा, तो तूने मुझे डुबो दिया। तूने मुझे कभी आगे नहीं बढ़ने दिया, अर्जुन।”

    “तो बदले के लिए तूने मेरे बेटे को इस्तेमाल किया?”

    “बदला नहीं, भाई। मैं तो बस तुझे तेरी असली क़ीमत दिखाना चाहता था। मैंने उसे सिर्फ़ वही सिखाया जो उसे जानना चाहिए था: कि उसका कोई पिता नहीं है। कि उसे छोड़ दिया गया था। कि अब उसे सिर्फ़ अपने अंकल पर भरोसा करना चाहिए।”

    “तू हार गया, विक्रम,” अर्जुन ने कहा। “मैं वेदांत को वापस लाया हूँ, और मैं उसे वह सब याद दिलाऊँगा जिसे मिटाने में तुझे सालों लगे।”

    विक्रम ने लंबी साँस ली और हल्की हँसी हँस कर कहा, “शुभकामनाएँ, भाई। लेकिन याद रखना, कुछ ज़ख़्म कभी नहीं भरते।”

    अर्जुन ने वेदांत की तरफ़ देखा। वह अब भी उलझा हुआ था। लेकिन अर्जुन ने ठान लिया था, चाहे जितना भी वक़्त लगे, वह अपने बेटे को वापस लाएगा। उसने वेदांत का हाथ थामा और बाहर निकला। प्रियanka उनके साथ थी। पीछे, विक्रम अब भी मुस्कुरा रहा था, लेकिन उसकी आँखों में एक खोखलापन था। अर्जुन जानता था कि यह लड़ाई यहीं ख़त्म नहीं हुई थी, लेकिन उसने यह भी तय कर लिया था, अब से कोई भी ताक़त उसे और उसके बेटे को अलग नहीं कर सकेगी।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleरिक्शावाले ने अमीर सेठ को पहँचाया हॉस्पिटल, जब सेठ ने किराया पूछाँ तो उसने जो माँगा सुनकर होश उड़ गए!
    Next Article बूढ़ा आदमी एक शादी में गया और केवल एक कैंडी लाया… सभी ने उसका मज़ाक उड़ाया, लेकिन जब वह मंच पर आया, तो सभी दंग रह गए…

    Related Posts

    IPS मैडम को आम लड़की समझ कर Inspector ने बीच सड़क पर छेड़ा फिर Inspector के साथ जो हुआ।

    15/10/2025

    जब रात के अंधेरे में Inspector को मिली एक लड़की फिर जो हुआ….

    15/10/2025

    मेरी शादी की रात, मेरे ससुर ने मेरे हाथ में 1,000 डॉलर थमा दिए और फुसफुसाते हुए कहा: “अगर तुम जिंदा रहना चाहते हो, तो भाग जाओ।”

    15/10/2025
    About
    About

    Your source for the lifestyle news.

    Copyright © 2017. Designed by ThemeSphere.
    • Home
    • Lifestyle
    • Celebrities

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.