सड़क के किनारे मछली बेचते हुए कमला देवी की जिंदगी सादगी और संघर्ष से भरी थी। वह रोज़ सुबह उठकर अपने टोकरे में ताजी मछलियां भरकर बाजार पहुंचती और लोगों को बेचती। उसकी दो बेटियां, राधिका और निहारिका, देश की सेवा में तैनात आर्मी ऑफिसर थीं, जो दूर सीमा पर देश की रक्षा कर रही थीं। उन्हें यह नहीं पता था कि उनकी मां किस कठिनाइयों का सामना कर रही है। कमला देवी ने कभी भी अपनी बेटियों को अपनी परेशानियों से परेशान नहीं किया, लेकिन उस दिन जो कुछ हुआ, उसने उनकी दोनों बेटियों की दुनिया हिला दी।
एक दिन सुबह, जब कमला देवी अपने रोज़ाना के काम में लगी हुई थी, तभी इंस्पेक्टर महेंद्र चौधरी मोटरसाइकिल से वहां आए। उन्होंने बिना किसी कारण के गुस्से में आकर कमला देवी को डांटा कि वह सड़क किनारे मछली क्यों बेच रही है, जिससे ट्रैफिक जाम लग सकता है। इंस्पेक्टर महेंद्र ने जोर से टोकरे पर लात मारी, जिससे मछलियां जमीन पर गिर गईं और चारों तरफ उनकी बदबू फैल गई। भीड़ जमा हो गई, लेकिन कोई भी इंस्पेक्टर के इस बर्बर व्यवहार को रोकने की हिम्मत नहीं कर पाया।
कमला देवी ने अपमान सहते हुए मछलियां उठानी शुरू कर दीं, लेकिन उनके दिल में गहरी चोट लगी। भीड़ में खड़ा एक युवक, जो सोशल मीडिया पर लोकप्रिय था, ने पूरी घटना रिकॉर्ड कर ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो देखकर निहारिका और राधिका दोनों का खून खौल उठा। उन्होंने तुरंत एक-दूसरे से संपर्क किया और तय किया कि वह अपनी मां के अपमान का बदला लेंगे।
राधिका, जो कि आर्मी ऑफिसर थी, तुरंत गांव वापस आई। उसने मां से बात की और उनकी हिम्मत बढ़ाई। कमला देवी डर रही थीं, लेकिन अपनी बेटियों की ताकत देखकर मनोबल बढ़ा। राधिका ने इंस्पेक्टर महेंद्र चौधरी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का फैसला किया। उसने थाने जाकर एसएओ राहुल यादव से शिकायत की, लेकिन राहुल यादव ने उसकी बात नहीं सुनी और उसका मजाक उड़ाया। राधिका ने अपनी आर्मी आईडी दिखाकर जोर देकर कहा कि वह इस मामले को छोड़ने वाली नहीं है।
इंस्पेक्टर महेंद्र चौधरी जब थाने आए, तो राधिका ने साफ कह दिया कि वह उनके दुराचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और उन्हें सस्पेंड कराने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। थाने के लोग हैरान रह गए कि एक साधारण गांव की लड़की इतनी हिम्मत कैसे दिखा रही है। राधिका ने अगले दिन एसपी ऑफिस जाकर एसपी प्रिया गुप्ता को पूरी घटना का वीडियो दिखाया और सख्त कार्रवाई की मांग की। एसपी ने कहा कि जांच के लिए ठोस सबूत और गवाह चाहिए।
राधिका ने उस युवक को खोज निकाला जिसने वीडियो बनाया था। उसने उसे गवाह बनने के लिए राजी किया और बिना एडिट का वीडियो प्राप्त किया। फिर वह वापस एसपी ऑफिस गई और सबूत पेश किए। एसपी ने डीएम विक्रम को सूचित किया। डीएम ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने इंस्पेक्टर महेंद्र चौधरी और एसएओ राहुल यादव को तत्काल निलंबित कर दिया।
यह खबर पूरे जिले में फैल गई। लोग कमला देवी के हक में खड़े हो गए। कमला देवी की बेटी राधिका ने बताया कि यह लड़ाई सिर्फ उनकी मां के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं। जांच पूरी होने पर दोनों अफसर दोषी पाए गए और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया।
कमला देवी की आंखों में आंसू थे, लेकिन वह गर्व से अपनी बेटी को गले लगाती रही। राधिका ने साबित कर दिया कि कानून सबके लिए बराबर है और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से कभी नहीं डरना चाहिए। इस कहानी ने यह संदेश दिया कि चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, हिम्मत और ईमानदारी से लड़ाई लड़कर न्याय पाया जा सकता है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि समाज में बदलाव तभी आता है जब हम अन्याय के खिलाफ खड़े हों और अपने हक के लिए आवाज उठाएं। कमला देवी की बेटी राधिका ने अपने साहस से न केवल अपनी मां का सम्मान बढ़ाया, बल्कि पूरे समाज को यह दिखाया कि न्याय की जीत संभव है।